
आगरा पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 110 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है! इस हाई-फाई ठगबाज़ी में गिरोह के 5 सदस्यों को दबोच लिया गया है, लेकिन कहानी सिर्फ इतनी नहीं है—इस केस में ठगी के इतने शातिर और फिल्मी तरीके अपनाए गए कि पुलिस भी दंग रह गई!
कैसे खुला हाई-प्रोफाइल साइबर गेम?
सिर्फ एक छोटी-सी शिकायत से शुरू हुआ यह मामला जब पुलिस के हाथ लगा, तो तहकीकात में ऐसा राज़ खुला कि अफसर भी चौंक गए! आगरा के एक शख्स ने पुलिस को बताया कि उसे “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर और शेयर बाजार में बंपर कमाई का लालच देकर पूरे 18 लाख रुपये से ठग लिया गया। पुलिस जब इस केस की गहराई में उतरी, तो पीछे से निकला 239 लोगों को शिकार बनाने वाला 110 करोड़ रुपये का महाठगी रैकेट!
गिरोह का ‘हाई-टेक’ खेल – ऐसे बनाते थे करोड़ों की जालसाज़ी
इस गिरोह की चालबाजियां किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं थीं! पुलिस के अनुसार, ये अपराधी हाई-टेक थे, जो विदेश से सीधा साइबर ठगी का ‘ट्रेनिंग कोर्स’ करके आए थे!
✅ “डिजिटल अरेस्ट” का डर: यह गिरोह लोगों को कॉल करके कहता कि उनके खिलाफ डिजिटल अपराध का केस दर्ज हो गया है, और अगर उन्होंने तुरंत पैसा नहीं दिया, तो उन्हें ऑनलाइन गिरफ्तार कर लिया जाएगा! घबराए लोग बिना सोचे-समझे पैसा ट्रांसफर कर देते थे।
✅ फर्जी शेयर मार्केट स्कीम: गिरोह के सदस्य खुद को बड़े इन्वेस्टमेंट गुरु बताते और शेयर बाजार में तगड़ा मुनाफा देने का झांसा देते थे। लोगों ने लाखों रुपये लगाए, लेकिन मुनाफे के बदले खाता खाली मिला!
✅ बैंक खातों का जाल: ठगी के पैसे को ट्रैक से दूर रखने के लिए ये बदमाश कई फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे, जो आम लोगों के नाम पर खोले गए थे।
“शेर की गुफा में घुसी पुलिस!” – ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे गिरोह
इस केस को हैंडल कर रहे सहायक पुलिस उपायुक्त सूरज कुमार राय ने बताया कि गिरोह के पांच शातिर सदस्य दबोच लिए गए हैं! पुलिस टीम ने इस गैंग का पूरा डिजिटल नेटवर्क ट्रैक किया और ठगी के पैसों को ट्रेस करके इनकी असली पहचान उजागर की।
गिरफ्तार किए गए ठग बेहद चालाक थे—इन्हें साइबर क्राइम की इतनी गहरी समझ थी कि वे पुलिस से बचने के लिए हर कॉल और ट्रांजैक्शन के बाद अपनी पहचान और लोकेशन बदल लेते थे! मगर इस बार पुलिस ने भी ‘गेम ओवर’ कर दिया!
अब आगे क्या? गिरोह के पीछे छिपे बड़े मास्टरमाइंड की तलाश जारी!
पुलिस अब इस गिरोह के विदेशी कनेक्शन को खंगाल रही है। शक है कि इनके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय साइबर माफिया भी हो सकता है। ठगी के पैसों को कहा और कैसे खपाया गया, इस पर भी जांच चल रही है।
साइबर ठगों से बचने के लिए अलर्ट रहें!
▶ किसी भी डिजिटल अरेस्ट कॉल पर विश्वास न करें—कोई भी ऑनलाइन गिरफ्तार नहीं किया जा सकता!
▶ शेयर बाजार में निवेश करने से पहले सभी लाइसेंस प्राप्त प्लेटफॉर्म को वेरीफाई करें।
▶ अनजान लिंक, स्कैम कॉल्स और ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट ऑफर्स से सावधान रहें!
आगरा पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है—अब
ठगी नहीं चलेगी, सीधा जेल चलेगी!